Pages

Sunday 24 August 2014

तेरे आईने जैसे चेहरे के तहरीर हर कोई पढ़नी चाहे है,

तेरे आईने जैसे चेहरे के तहरीर हर कोई पढ़नी चाहे है,
चलो इसी बहाने ज़माना मुहब्बत की रहा पे तो निकला
मुकेश इलाहाबादी ----------------------------------
--------

No comments:

Post a Comment