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Friday, 26 September 2014

ज़माने के लिए ये बड़ी हैरत की बात है

ज़माने के लिए ये बड़ी हैरत की बात है 
तुम हो हमारे साथ किस्मत की बात है
कोई छोड़ कर मुहब्बत दौलत को चाहे
ये तो अपनी -अपनी नियत की बात है
तमाम लोग बेवफाई करके निकल गए 
फिर भी चुप रहता है आदत की बात है
जिस्म पे तमाम ज़ख्म खा कर भी वो
सच पे अड़ा है, बड़ी हिम्मत की बात है
हर हाल में वो हँसता और मुस्कुराता है
कलन्दरी मुकेश के तबियत की बात है

मुकेश इलाहाबादी ------------------------

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