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Wednesday, 10 September 2014

दिल भी उनका, धड़कन भी उनकी, बेचैनी भी उनकी

दिल भी उनका, धड़कन भी उनकी, बेचैनी भी उनकी
जो पूछता हूँ हाल दिल तो कहंते हैं 'हमें कुछ मालूम नहीं'
बिछड़ते वक़्त हमने जो पूछा 'अब कब मुलाक़ात होगी ?
चल दिए हंस के कहते हुए 'मुकेश,हमें कुछ मालूम नहीं '
मुकेश इलाहाबादी ---------------------------------------------

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