एक बोर आदमी का रोजनामचा
Pages
Home
Wednesday, 24 December 2014
देखने की चाहत रख के भी निगाहें नीचे रखता हूँ
देखने की चाहत रख के भी निगाहें नीचे रखता हूँ
उनकी मुस्कराहट कहीं मेरी जान ही न ले ले
मुकेश इलाहाबादी ---------------------------------
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment