रोशनी
एक नदी है
जिसमे तैर कर
हिलग कर
हम पहुंच जाते हैं
इस पार से
उस पार
अपने गंतव्य तक
पर
रोशनी का विलोम
अँधेरा एक समुद्र है
जिसमे डूब कर
हम किसी किनारे नहीं पहुँचते
इस लिए बचो अँधेरे से
चाहे वह अंदर का हो या बाहर का
मुकेश इलाहाबादी -----------------
एक नदी है
जिसमे तैर कर
हिलग कर
हम पहुंच जाते हैं
इस पार से
उस पार
अपने गंतव्य तक
पर
रोशनी का विलोम
अँधेरा एक समुद्र है
जिसमे डूब कर
हम किसी किनारे नहीं पहुँचते
इस लिए बचो अँधेरे से
चाहे वह अंदर का हो या बाहर का
मुकेश इलाहाबादी -----------------
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