एक
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जब,
तुम होती हो साथ
बरसता रहता है
मौन संगीत
अहर्निश
(अब एक लम्बी खामोशी है )
दो
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देखना
एक दिन छंट
जाएंगे हिज़्र के बादल
तब
मुसुकुरायेगा चाँद
हँसेगी रात
मुकेश इलाहाबादी ---------
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जब,
तुम होती हो साथ
बरसता रहता है
मौन संगीत
अहर्निश
(अब एक लम्बी खामोशी है )
दो
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देखना
एक दिन छंट
जाएंगे हिज़्र के बादल
तब
मुसुकुरायेगा चाँद
हँसेगी रात
मुकेश इलाहाबादी ---------
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