Pages

Friday 16 October 2015

कातिलाना अंदाज़ में मुस्कुराया न कर

कातिलाना अंदाज़ में मुस्कुराया न कर
सज संवर कर कहीं आया जाया न कर

राह चलते मुसाफिर,कारवां रुक जाते हैं
यूँ चिलमन से तू बेनकाब झाँका न कर

तुझे क्या  मालूम मुकेश इक जादूगर है
ईश्क हो जाएगा, उससे रोज़ मिला न कर

मुकेश इलाहाबादी ---------------------------

No comments:

Post a Comment