यूँ तो
दुनियावी झमेले
मुझे सोने नहीं देते
फिर कुछ ये, सोचकर
सो जाता हूँ ,
कि सपने में
तुम आओगी !
सुमी से ---
मुकेश इलाहाबादी --
दुनियावी झमेले
मुझे सोने नहीं देते
फिर कुछ ये, सोचकर
सो जाता हूँ ,
कि सपने में
तुम आओगी !
सुमी से ---
मुकेश इलाहाबादी --
No comments:
Post a Comment