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Monday, 9 May 2016

मुझे चाहिए सिर्फ,

सुमी,
मुझे चाहिए
सिर्फ,
थोड़ी सी ज़मीन
थोड़ा सा आकाश
थोड़ा सा सूरज
और,
थोड़ा सा
तुम्हारा प्यार
बस !
और कुछ भी नहीं
कुछ भी ......... नहीं

मुकेश इलाहाबादी ---------

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