एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Thursday, 2 June 2016
झूठ के पाँव नहीं होते
झूठ के
पाँव नहीं होते
फिर भी
सच से
ज़्यादा तेज़
दौड़ता है
मुकेश इलाहाबादी --
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