एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Tuesday, 21 February 2017
तुम्हारी, नाक की
तुम्हारी,
नाक की
लौंग चमकती है
ध्रुव तारा सा
मेरे जीवन के उत्तर में
मुकेश इलाहाबादी ---
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