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Friday, 31 March 2017

दिन के उजाले में तुझे, ढूँढता है दिल

दिन के उजाले में तुझे, ढूँढता है दिल
तुझे रात ख्वाबों में भी देखता है दिल

मेरे मेहबूब ये तेरे ही नाम का जादू है
सिर्फ तेरे ही नाम से धड़कता है दिल 

कंही भी जाऊँ कंही भी आऊं, मुकेश
जाने क्यूँ सिर्फ तुझे, खोजता है दिल

मुकेश इलाहाबादी ------------------

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