एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Tuesday, 28 March 2017
स्वाति नक्षत्र
कभी ,
तो, बरस जाओ
स्वाति नक्षत्र की
दिव्य बूँद सा
उग,
आने दो
इक मोती,
इस सीप के अंदर
मुकेश इलाहाबादी --
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