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Sunday 26 March 2017

कुछ, रिश्ते,

कुछ,
रिश्ते, प्रेमी - प्रेमिका
माँ - बाप
दोस्त, नाते -दारी, रिश्तेदारी कि
परिभाषा की परिधि में नहीं आते 
यहाँ तक कि,
दोस्त- गाईड - फिलॉसर की
परिधि को भी छू कर निकल जाते हैं
परिभाषाओं की परिधि के पार बहुत पार

अक्सर - कुछ रिश्ते ऐसे भी होते हैं

मुकेश इलाहाबादी -----------

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