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Saturday 29 April 2017

तेरी आँखों में सपना देखूँ

तेरी आँखों में सपना देखूँ
ख्वाब इक सुनहरा देखूँ

लम्बी काली रातों के बाद
सूरज  एक चमकता देखूँ

एहसासों के दरिया में मै
सपना एक लरज़ता देखूँ

दिल मेरा बर्फ का दरिया
रातों दिन सुलगता देखूँ

है महुए जैसा तेरा यौवन
तुझमे मै मधुशाला देखूँ

मुकेश इलाहाबादी ------

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