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Wednesday 12 July 2017

जब कभी तुम अपनी सिसकियों में सुनोगी


जब
कभी तुम अपनी
सिसकियों में सुनोगी
जो तुम्हारे गले में ही घुट के रह गयी
और याद करोगी ऐसे वक़्त में किसका नाम याद आया था

जब
कभी तुम बहुत खुश रही होगी
और वो खुशी किसी विशेष से शेयर करनी चाही होगी
तो किसका नाम याद आया था

गौर से सोचोगी तो शायद मेरा ही नाम याद आया होगा
गर ये सच है तो मेरे लिए सब से बड़ा खूबसूरत सच है

प्यार मुहब्बत झूठी बातें


मुकेश इलाहाबादी ------------------------

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