Pages

Saturday 29 July 2017

मेरा ख़त,

मेरा ख़त,
मेरा ख़त पढ़ पढ़ के अकेले में हंसा करते हो
मुझसे मुहब्बत नहीं तो क्यूँ पढ़ा करते हो ??
मुकेश इलाहाबादी -----------------------------

No comments:

Post a Comment