लाल हरी नारंगी देखा
दुनिया रंग बिरंगी देखा
सत्ता औ पैसा वालों को
अक्सर बडा घमंडी देखा
फूल सी कोमल नारी को
भी हमने बनते चंडी देखा
देखा हमने बडे बडों को
सबकी चाल दुरंगी देखा
सात सुरों से सजा धजा
जिस्म बना सारंगी देखा
मुकेश इलाहाबादी ----
दुनिया रंग बिरंगी देखा
सत्ता औ पैसा वालों को
अक्सर बडा घमंडी देखा
फूल सी कोमल नारी को
भी हमने बनते चंडी देखा
देखा हमने बडे बडों को
सबकी चाल दुरंगी देखा
सात सुरों से सजा धजा
जिस्म बना सारंगी देखा
मुकेश इलाहाबादी ----
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