उलझा हुआ हूँ मै
बिखरा हुआ हूँ मै
आँखों में अब्र सा
ठहरा हुआ हूँ मै
जाम ऐ ईश्क़ पी
बहका हुआ हूँ मै
तेरे इंतज़ार में
ठहरा हुआ हूँ मै
मुकेश इलाहाबादी --
बिखरा हुआ हूँ मै
आँखों में अब्र सा
ठहरा हुआ हूँ मै
जाम ऐ ईश्क़ पी
बहका हुआ हूँ मै
तेरे इंतज़ार में
ठहरा हुआ हूँ मै
मुकेश इलाहाबादी --
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