Pages

Monday 26 February 2018

अब कोई भी राह कोई भी मोड़ दे

अब कोई भी राह कोई  भी मोड़ दे
ज़िंदगी मुझको मेरे हाल पे छोड़ दे

सहा नहीं जाता कि कोई और खेले
ये दिल नाज़ुक खिलौना तू तोड़ दे

मुकेश इलाहाबादी ----------------

No comments:

Post a Comment