अपनी पलकें झुका के देखो
इश्क़ का काजल लगा के देखो
मै भी फूलों सा महकूँगा गर
मुझको अपने गले लगा के देखो
मौसम सावन भादों हो जाएगा
अपने भीगे गेसू लहरा के देखो
स्याह रातें चाँदी सा चमकेंगी
बस तुम थोड़ा सा मुस्का के देखो
ये उदास दिल मेरा खुश हो जाएगा
इक बार अपने पास बुला के देखो
मुकेश इलाहाबादी,,,,,, ,
इश्क़ का काजल लगा के देखो
मै भी फूलों सा महकूँगा गर
मुझको अपने गले लगा के देखो
मौसम सावन भादों हो जाएगा
अपने भीगे गेसू लहरा के देखो
स्याह रातें चाँदी सा चमकेंगी
बस तुम थोड़ा सा मुस्का के देखो
ये उदास दिल मेरा खुश हो जाएगा
इक बार अपने पास बुला के देखो
मुकेश इलाहाबादी,,,,,, ,
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