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Friday 15 February 2019

बाप - दादों की निशानी अच्छी लगती है

बाप - दादों की निशानी अच्छी लगती है
घर में कुछ चीज़ें पुरानी अच्छी लगती है

बच्चे कित्ता ही चम्पक चंदामामा पढ़ लें
उनको नानी की कहानी अच्छी लगती है

राष्ट्र को सूरत नही जिस्मानी ताकत नहीं 
भगत सिंह जैसी जवानी अच्छी लगती है 

हम रूहानी इश्क़जादे हैं हमें खूबसूरत नहीं
हमें  तो मीरा सी दीवानी अच्छी लगती है

मुकेश जिस्म की बात कभी करते नहीं हम 
हमको तो मुहब्बत रूहानी अच्छी लगती है

मुकेश इलाहाबादी --------------------------

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