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Saturday 21 March 2020

जब तुम वाश-बेसिन पे साफ करती हो

जब
तुम वाश-बेसिन पे
साफ करती हो
रास्ते की धूल तब
तुम शायद
अपनी उंगलियों से रगड़ - रगड़ के
साफ कर देना चाहती हो
लोगों की घूरती काली गंदी नजरों को भी
तब तुम मुझे
बहुत मासूम और प्यारी लगती हो
जब तुम
अपनी बड़ी बड़ी आँखों को आईने के सामने
और फैला के देखती हो
आईने के और भी नजदीक जा के
तब जाने क्यूँ ऐसा लगता है
तुम अपनी आँखों में बसे राजकुमार को ढूँढ रही हो
जो शायद मैं कतई नहीं हूं
और ये खयाल आते ही मैं और उदास हो जाता हूँ
ओ ! मेरी बड़ी - बड़ी आँखों वाली राजकुमारी
ओ ! मेरी सुमी
रही हो न ??
मुकेश इलाहाबादी,,,,

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