एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Tuesday, 21 February 2012
मेरी तन्हाई पे हंसता हुआ शोर
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बैठे ठाले की तरंग ----------
मेरी तन्हाई पे हंसता हुआ शोर
तेरी पाजेब की झंकार लगे है
मुकेश इलाहाबादी-------------
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