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Saturday 18 February 2012

बेअनुपात लोग -----------


कुछ लोगों  के कान      
इतने बडे होते हैं कि
सुन लेते हैं दूर से ही
क्या कुछ कहा जा रहा है
उनके खिलाफ

अक्सर उनके कान
छोटे हो जाते हैं
इतने छोटे कि  
वे सुन पाते हैं
र्सिफ अपनो की बात

कुछ लोगों की आंख
इतनी बडी होती है कि
देख लेते हैं दूर से ही
अपने मतलब की चीजें
पर अक्सर कर लेते हैं
अपनी आंख इतनी छोटी कि
नही देख पाते
चीजें दूसरों के मतलब की


कुछ लोगों के हाथ
इतने बडे होते हैं कि
कानून से भी लम्बे हो जाते हैं
और बांटते वक्त
इतने छोटे हो  जाते है कि
सिर्फ उनके अपनो तक
पहुंच पाते हैं वे हाथ


कुछ लोगों के पैर
इतने बडे होते हैं कि
अपनी मंजिल पे पहुंच
मुड जाते हैं घुटनो से
अपने पेट की तरफ

 कुछ लोगों की नाक
इतनी बडी होती है कि
सूंघ लेते हैं दूर से ही
पक रहा है कंहा कच्चा मॉस
या कि कंहा पक रही है खिचडी

 पर, चलो अच्छा है
हमारे,कान, आँख व नाक सभी
अपने पूरे अनुपात व आकार मे तो हैं

मुकेश इलाहाबादी




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