एक बोर आदमी का रोजनामचा
Pages
Home
Wednesday, 18 April 2012
हो शराब कोइ भी, करती नहीं असर
बैठे ठाले की तरंग ----------------
हो शराब कोइ भी, करती नहीं असर
पी जाऊं क्या तुझे समंदर में घोल कर ?
मुकेश इलाहाबादी -----------------------
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment