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Thursday 26 April 2012

जब इश्क के फूल आखों में खिल गए

बैठे ठाले की तरंग -----------------------
जब इश्क के फूल आखों  में खिल गए
हया  कुछ  सुर्खियाँ  गालों  में मल गए
हमने जो पूछा उनसे खुश रहने का राज़
बस चुप्पियों के संग मुस्कुरा के रह गए
 
मुकेश इलाहाबादी -----------------------

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