Pages

Tuesday 28 August 2012

 
हाँ हम फकीर हैं, फकीरी करते हैं मगर मुहब्बत के शहर में
ये अलग बात, तुम दिल रख के भी गरीब हो अपने शहर में 

मुकेश इलाहाबादी 

No comments:

Post a Comment