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Sunday, 14 April 2013

तेरा गुस्सा अच्छा लगता है, तेरी शोखी अच्छी लगती है


तेरा गुस्सा अच्छा लगता है, तेरी शोखी अच्छी लगती है
सोणी सोणी सूरत पे जुल्फें बिखरी -२ अच्छी लगती  हैं
पिज़्ज़ा, बर्गर, मैगी से तो तेरी खिचडी अच्छी लगती है
चाहे दिन भर हो गुस्सा रात मे मुस्की  अच्छी लगती है
मुकेश इलाहाबादी ----------------------------------------------

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