तेरा गुस्सा अच्छा लगता है, तेरी शोखी अच्छी लगती है
सोणी सोणी सूरत पे जुल्फें बिखरी -२ अच्छी लगती हैं
पिज़्ज़ा, बर्गर, मैगी से तो तेरी खिचडी अच्छी लगती है
चाहे दिन भर हो गुस्सा रात मे मुस्की अच्छी लगती है
मुकेश इलाहाबादी ----------------------------------------------
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