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Sunday, 14 April 2013

बच्चे की फीस औ दूध के हिसाब की बातें करो


 बच्चे की फीस औ दूध के हिसाब की बातें करो
अब हमसे प्यार और मनुहार की बातें न करो
ऑफिस मे सेक्रेटरी से नैन मटक्का करके,अब
हमको अब यूँ मनाने दुलराने की बातें न करो 
चुपके चुपके मेरे एस एम् एस पढ़ते हो फिर
मुझसे अब  ये वफ़ा औ विश्वास की बातें न  करो
मुकेश इलाहाबादी --------------------------------
 

1 comment:

  1. प्यार के अलावा भी एक जीवन है
    इस जीवन को जिन्दा रखना जरुरी है
    प्यार अपने आप जिन्दा रहेगा
    सुंदर रचना
    बधाई

    भाई जी मेरे ब्लॉग में भी सम्मलित हों
    jyoti-khare.blogspot.in



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