एक बोर आदमी का रोजनामचा
Pages
Home
Friday, 10 May 2013
फैलसा अब तो मुहब्बत का,मेरे हक मे होने से रहा
फैलसा अब तो मुहब्बत का,मेरे हक मे होने से रहा
ज़माना ही नहीं फरिस्ते भी तेरी गवाही देने आये हैं
मुकेश इलाहाबादी -----------------------------------------
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment