एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Sunday, 7 July 2013
रातों की वीरानी ले ले
रातों की वीरानी ले ले
मेरी पीर पुरानी ले ले
इक लम्हा प्यार का देके
मेरी वो जिंदगानी ले ले
अपना सारा दुख देकर
मेरी शम सुहानी ले ले
कांटों का गुलदष्ता देके
मुझसे रातकीरानी ले ले
नज्म और गजल के संग
मेरी सारी कहानी ले ले
मुकेश इलाहाबादी ......
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