एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Friday, 9 August 2013
कूचा ए इष्क हमने है छोडा जबसे
कूचा ए इष्क हमने है छोडा जबसे
उदास रहने लगी हैं कलियॉ तबसे
मुकेश
इलाहाबादी .................
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