एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Sunday, 9 February 2014
धड़कने अपने सीने की सुनते हैं दिल थाम के
धड़कने अपने सीने की सुनते हैं दिल थाम के
कि अब ये दिल हमारा है उनके इख्तियार में
मुकेश इलाहाबादी ---------------------------
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