एक बोर आदमी का रोजनामचा
Pages
Home
Sunday, 9 February 2014
चाहत और यादों की चादर ओढ़ कर
चाहत और यादों की चादर ओढ़ कर
ज़िंदगी की तमाम सर्द रातें काट दी
मुकेश इलाहाबादी -------------------
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment