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Sunday 27 April 2014

लड़की,

लड़की,
रेशमी धरातल पे
उगा रही है फूल

बेखबर, इस बात से
कि, फ़िज़ाएं अपने आगोश में
पाल रही हैं, तूफ़ान
लरज़ जाने को
बरस जाने को
बाद जिसके
रह जाएगी शेष
जगह जगह से दरकी
पानी से लबालब धरती
और , खो जाएगी लड़की
न जाने कँहा

मुकेश इलाहाबादी ------

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