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Monday 28 April 2014

उम्रभर बेगानों की तरह साथ रहने से

उम्रभर बेगानों की तरह साथ रहने से
मुहब्बत भरी इक मुलाक़ात अच्छी है

झूठ के पुल से दरिया पार किया जाए
इससे तो दिलों के बीच दीवार अच्छी है

मुकेश ताउम्र झूठ का पैमाना पीता रहूँ
इससे बेहतर तो मेरी ये प्यास अच्छी है

मुकेश इलाहाबादी --------------------------

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