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Thursday 23 April 2015

तुम मगरूर हो तुमसे पूछा न जाएगा,

तुम  मगरूर  हो तुमसे पूछा न जाएगा,
हमसे भी हाल ऐ दिल बताया न जाएगा
वो कोई और होंगे, ईश्क में गुलामी करें
हमसे ये नाज़ो नखरे उठाया न जाएगा
आज नहीं तो कल इज़हार हो ही जाएगा
ईश्क होगा तो तुमसे छुपाया न जाएगा
अभी हम तुम अकेले हैं बता दो वरना
सरे महफ़िल, तुमसे जताया न जाएगा

मुकेश इलाहाबादी -------------------

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