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Thursday 14 January 2016

तू ज़रा आईना तो देख कमाल हुआ जाता है

तू ज़रा आईना तो देख कमाल हुआ जाता है
तबस्सुम तेरे चेहरे का गुलाब हुआ जाता है
अब तू ख़त लिखे या न लिखे,ग़म नही,तेरा 
ये तबस्सुम ही ख़त का जवाब हुआ जाता है 

मुकेश इलाहाबादी -----------------------------

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