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Wednesday 18 May 2016

ईश्क़ के फ़लक पे तुझको ऊंची उड़ान दूँ

ईश्क़ के फ़लक पे तुझको  ऊंची  उड़ान दूँ
हया के फलक से निकल तो आसमान दूँ
झील दरिया समंदर सब तो तेरी आँखो में
कहाँ जा के डूबूं कहाँ जा के अपनी जान दूँ

मुकेश इलाहाबादी ----------------------

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