शायद
तुम्हारी चुप्पी
एक रेगिस्तान है
जहाँ आते आते
मेरे प्यार की
नदी सूख जाती है
और मैं वंचित रह जाता हूँ
अपने समंदर से मिलने को
मुकेश इलाहाबादी ----------
तुम्हारी चुप्पी
एक रेगिस्तान है
जहाँ आते आते
मेरे प्यार की
नदी सूख जाती है
और मैं वंचित रह जाता हूँ
अपने समंदर से मिलने को
मुकेश इलाहाबादी ----------
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