Pages

Saturday 24 September 2016

तू मेरा अपना है

तू मेरा अपना है
ये मेरा सपना है
तेरा हँसना जैसे
पहाड़ी झरना है    
चाँद से मुखड़े पे
सादगी गहना है
जाने कब तक ?
हिज़्र में रहना है
इक दिन तुझसे
लव यू कहना है
मुक्कू से कह दो
ग़ज़लें सुनना है

मुकेश इलाहाबादी -

No comments:

Post a Comment