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Sunday 23 October 2016

दिन में तेरी यादों का उजाला रहता है

दिन में तेरी यादों का उजाला रहता है
शब् भर तेरे ख्वाबों के चांदनी होती है

तू ही तो मेरा चाँद और सूरज तो नहीं ?

मुकेश इलाहाबादी ----------------------

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