एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Tuesday, 3 January 2017
शुकूं के दो पल नही देती
शुकूं के दो पल नही देती
ज़ीस्त फुरसत नहीं देती
तुझ संग बैठूँ बात करूं
घड़ी इज़ाज़त नहीं देती
मुकेश इलाहाबादी ------
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