Pages

Saturday 5 August 2017

यूँ तो ज़माने ने कोशिशे हज़ार की

यूँ
तो ज़माने ने कोशिशे हज़ार की
मै पत्थर हो जाऊं
ये  और बात
जिस्म पत्थर हो गया
दिल तो कांच का ही रह गया
मुकेश इलाहाबादी ----------------

No comments:

Post a Comment