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Saturday 26 August 2017

तुम पहले जैसे नहीं रह गए हो दोस्त

तुम पहले जैसे नहीं रह गए हो दोस्त
शायद अपनी राह बदल दिए हो दोस्त

दोस्त मेरी बोली बाणी तो है उसी तरह
शायद तुम ही राह बदल लिए हो दोस्त

जाते वक़्त कहा था जल्दी लौटोगे पर
मियाद खत्म हुई, नहीं आए हो दोस्त

मुकेश इलाहाबादी --------------------

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