Pages

Monday 12 March 2018

सिर्फ एक बार ऐसा हुआ था

सिर्फ
एक बार ऐसा हुआ था

अपनी हथेलियों में
मैंने तुम्हारे गुदाज़ चेहरे को रख लिया था
हौले से
और तुमने भी अपनी कमल सी आँखे मेरी
आँखों से मिला दिया 
और फिर कुछ ज़्यादा लाड में  आकर
तुमने,अपनी नाक की नोक
मेरी नाक की नोक से मिला कर
मुस्कुरा दी थी,

और तब --
सिमट आया था सारा का सारा वक़्त
सारी जंहा की खुशी
सारी क़ायनात
हम दोनों की नाक की नोक पे

मुकेश इलाहाबादी ---------------


No comments:

Post a Comment