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Monday 18 March 2019

भक्ति मार्ग

कलयुग में ईश्वर प्राप्ति का सबसे सहज और सरल उपाय - हमारे शास्त्रों में "भक्ति मार्ग " को ही माना है।

कलयुग में -  हवा - पानी - भोजन, आचार - विचार, रहन - सहन  सब कुछ अशुद्ध और अव्यवस्थित हो
चुका होता है  और ऐसे में ईस्वर प्राप्ति के लिए योग - जप - तप - ध्यान या अन्य मार्ग बहुत कठिन हो
चुके होते हैं - सच्चे और सिद्ध गुरुओं का अकाल हो चूका होता है - ऐसे में भक्ति मार्ग ही एक ऐसा साधन
है जिसके द्वारा मनुष्व इश्वर को सहज व् सरल तरीके से प्राप्त कर सकता है -
भक्ति मार्ग एक ऐसा मार्ग है - जिसमे किसी गुरु - साथी - या समूह की ज़रुरत नहीं होती है -
मनुष्य अकेले ही भक्ति कर कर के इश्वर को प्राप्त कर सकता है  और पूर्व में भी कइयों ने पाया है -
इसी कलियुग में -तुलसी दास , मीराबाई, चैतन्य महाप्रभु , रामकृष्ण परमहंस - राम कृष्ण जैसे महापुरुषों
ने भक्ति मार्ग के द्वारा न स्वयं अपना उद्धार किया बल्कि - हज़ारों हज़ार लोगों का उद्धार किआ और
उनके बताए मार्ग में चल कर या उनसे प्रेरणा ले कर आज भी मनुष्य लाभान्वित हो रहा है।

भक्ति के लिए - सिर्फ और सिर्फ - सम्पूर्ण समर्पण और शुद्ध भाव की आवश्यकता होती है -
यदि किसी के अंदर ये दोनों हैं तो उसे इश्वर तक पहुंचने से कोइ रोक नहीं सकता -


भारतीय दर्शन में भक्ति के ये नौ प्रकार बताए गए हैं

श्रवणं कीर्तनम विष्णो स्मरणम पादसेवनम
अर्चनं वन्दनं दास्यमा सख्ममात्मनिवेदनम 


मुकेश इलाहाबादी ------------------

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