Pages

Monday 12 August 2019

हवा मे गुम हो गये

हवा
मे गुम हो गये
वे शब्द जो तुमने कहे
वे भी जो मैंने कहे
अब
पसरी है चटाई,
मौन की
हमारे तुम्हारे दरम्यान
इस खामोश चटाई को
लपेट कर चल दूँगा मै
और खो जाऊँगा हवा में
एक दिन
और तुम भी खो जाओगी
चुप की हवा में एक दिन
मुकेश इलाहाबादी

No comments:

Post a Comment