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Monday 24 February 2020

रह रह के अपने ज़ख्मों को

रह रह के
अपने ज़ख्मों को
कुरेदता रहता हूँ
मै ज़िंदा हूँ भी
इस बात की
तस्दीक करता रहता हूँ
मुकेश इलाहाबादी

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